पश्चिम बंगाल के दो शहरों में 18 अगस्त को मनाया जाता है स्वतंत्रता दिवस
08 Aug 2019
1204
संवाददाता/in24 न्यूज़.
दुनिया जानती है कि भारत में 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस पूरे धूमधाम से मनाया जाता है. मगर क्या आपको पता है कि इसी देश के एक राज्य में स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त को नहीं, बल्कि 18 अगस्त को मनाया जाता है. गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल में एक ऐसी जगह है, जहां 15 अगस्त के दिन कोई जश्न नहीं होता है. दरअसल, पश्चिम बंगाल के नदिया जिले में स्थित रामघाट और कृष्णानगर ऐसे शहर हैं, जहां 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस नहीं मनाते. बल्कि यहां पर 18 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है. यहां ऐसा इसलिए होता है क्योंकि जब भारत और पाकिस्तान का बंटवारा हुआ. तब इन दो शहरों को पाकिस्तान में शामिल किया गया था, लेकिन यहां के लोगों ने पाकिस्तान में शामिल होने का विरोध किया. क्योंकि यहां ज्यादातर हिंदू थे. हिंदू बाहुल्य क्षेत्र होने की वजह से लोगों ने इस बंटवारे का काफी विरोध किया, जिसके बाद यहां के लोगों को 18 अगस्त 1947 को भारत में शामिल कर लिया गया था. इसलिए इन दो शहरों में तीन दिन बाद स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है. इसके साथ ही यहां 18 अगस्त को राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाता है. शुरुआत में यहां के लोगों को 18 अगस्त के दिन राष्ट्रीय ध्वज फहराने की अनुमति नहीं थी. क्योंकि 2002 से पहले राष्ट्रीय ध्वज फहराने का कानून था. इस कानून के तहत आम नागरिक 23 जनवरी, 26 जनवरी और 15 अगस्त के अलावा कभी भी झंडा नहीं फहरा सकते थे. ये एक गैरकानूनी अपराध था. इसके बाद स्वतंत्रता सेनानी प्रमथनाथ शुकुल के पोते अंजन शुकुल ने 15 अगस्त के बदले 18 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस मनाने का आंदोलन शुरू किया. काफी लंबी लड़ाई लड़ने के बाद 1991 में केंद्र सरकार ने यहां के लोगों को 18 अगस्त के दिन झंडा फहराने की अनुमति दे दी.