करोड़ों के घाटे में चल रहा है जेएनयू
22 Nov 2019
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संवाददाता/in24 न्यूज़.
जेएनयू यानी जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी करोड़ों के घाटे में है, ऐसा उसकी तरफ से कहा गया है. गौरतलब है कि जेएनयू ने गुरुवार को हॉस्टल फीस बढ़ाने के कदम का बचाव करते हुए कहा कि संस्था को 45 करोड़ रुपये से अधिक का वित्तीय घाटा उठाना पड़ रहा है. दूसरी ओर फीस में संशोधन करने के विश्वविद्यालय के फैसले के खिलाफ पिछले तीन सप्ताह से छात्र विरोध कर रहे हैं. एक रिपोर्ट के अनुसार जेएनयू प्रशासन ने एक बयान में कहा यूनिवर्सिटी को बिजली और पानी के शुल्क और संविदात्मक कर्मचारियों के वेतन के कारण 45 करोड़ रुपये से अधिक का घाटा उठाना पड़ रहा है. प्रशासन ने दावा किया कि यह 450 संविदा कर्मचारियों के वेतन का भुगतान करने में असमर्थ है क्योंकि यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन अब बजट के वेतन से ऐसे भुगतान की अनुमति नहीं देता है. कहा गया है कि यूजीसी ने जेएनयू को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि विश्वविद्यालय द्वारा उत्पन्न आंतरिक प्राप्तियों का उपयोग करके गैर-वेतन व्यय में सभी कमी को पूरा किया जाना चाहिए. इस प्रकार आईएचए के लिए छात्रों से सेवा शुल्क लेने के अलावा कोई विकल्प नहीं है. प्रारंभिक अनुमानों के अनुसार, प्रत्येक सामान्य छात्र के लिए संशोधित छात्रावास शुल्क लगभग 4,500 रुपये प्रति माह है, जिसमें 2,300 रुपये प्रति माह भोजन शुल्क था.