यमलोक की दहलीच बना अस्पताल

 04 Sep 2017  1544
ब्यूरो रिपोर्ट / in24न्यूज़ हमारे समाज में अस्पताल को मंदिर और डॉक्टरों को जीवनदाता यानी भगवान माना जाता है आपको बता दें कि गोरखपुर के BDR कॉलेज के परिसर में मौजूद अस्पताल इस समय मासूम बच्चों के लिए यमलोक की दहलीच बना हुआ है. सालभर में इस अस्पताल में मरने वाले मासूम बच्चों का आंकड़ा देखकर आपके होश उड़ जाएंगे इस साल अब तक करीब 1300 से ज़्यादा मासूम इस अस्पताल की लापरवाही से जान गवां चुके हैं. बच्चों की मौत का सिलसिला अभी भी नहीं थमा है. पिछले 24 घंटे के दौरान वहां 13 और बच्चों की मौत हो गई है. इस प्रकार इस साल अब तक कुल 1317 बच्चों की मौत हो चुकी है. बीते 24 घंटे के दौरान दस बच्चों की एनआईसीयू और तीन बच्चों की जनरल पीडियाट्रिक वार्ड में मौत हुई है. इस बीच मेडिकल कालेज के नवनियुक्त प्रिंसिपल डा. पी के सिंह ने बताया कि बीते 24 घंटे के दौरान इंसेफेलाइटिस वार्ड में किसी की मौत की कोई खबर नहीं है. बतौर प्रिंसिपल 24 घंटे में अस्पताल में 53 नये मरीज भर्ती हुए हैं. सिंह ने बताया कि बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में पिछले एक साल के दौरान जनवरी में 152 बच्चों की मौत हुई, जबकि फरवरी में 122, मार्च में 159, अप्रैल में 123, मई में 139, जून में 137, जुलाई में 128 और अगस्त में 325 बच्चों की मौत हुई.
बता दें कि इससे पहले शनिवार, 2 सितंबर को उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने बीआरडी मेडिकल कालेज के एईएस वार्ड में नोडल अधिकारी रहे कफील खान को गिरफ्तार कर लिया. पिछले महीने बीआरडी मेडिकल कॉलेज में दो दिन के दौरान 30 बच्चों की मौत के बाद खान को पद से हटा दिया गया था. कफील खान मेडिकल कालेज के 100 बेड वाले एईएस वार्ड के नोडल अधिकारी थे.उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) के महानिरीक्षक अमिताभ यश ने खान को गिरफ्तार किये जाने की पुष्टि करते हुए बताया कि उसे सुबह नौ बजे पकड़ा गया और अब उसे गोरखपुर पुलिस के हवाले किया जा रहा है.
गोरखपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अनिरूद्ध सिद्धार्थ पंकज ने बताया कि कफील को गोरखपुर के बाहरी इलाके से गिरफ्तार किया गया है. इससे पहले एसटीएफ ने 29 अगस्त को मेडिकल कालेज के प्राचार्य रहे राजीव मिश्र और उनकी पत्नी को गिरफ्तार किया था. उनकी डाक्टर पत्नी पूर्णिमा शुक्ल का नाम मेडिकल कालेज में बच्चों की मौत के प्रकरण में दर्ज प्राथमिकी में है. दोनों को कानपुर में गिरफ्तार किया गया, जहां वे कथित रूप से किसी वकील से सलाह मशविरा करने गये थे. उधर अपर सत्र न्यायाधीश शिवानंद सिंह ने प्राथमिकी में नामित नौ में से सात लोगों के खिलाफ कल गैर जामानती वारंट जारी किया था.
इससे एक दिन पहले ही राजीव और पूर्णिमा को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया था. वारंट एईएस वार्ड के प्रभारी कफील खान, एनेस्थीसिया के डा सतीश, फार्मासिस्ट गजानन जायसवाल, लेखाकार सुधीर पाण्डेय, सहायक क्लर्क संजय कुमार और गैस आपूर्तिकर्ता उदय प्रताप सिंह एवं मनीष भंडारी के खिलाफ जारी हुआ है. इस मामले में खुद कोर्ट ने संज्ञान लिया है आपको बता दे कि उत्तरप्रदेश में ये इस तरह का पहला मामला नहीं है, जो प्रकाश में आया हो, प्रशासन की लापरवाही की ऐसी घटनाएं पिछले समय में भी होती रही हैं और अगर इतने के बावजूद भी प्रशासन नहीं जागा तो ऐसी घटनाएं आगे भविष्य में भी होती रहेंगी.....