FTII चेयरमेन अनुपम खेर के सामने छात्रों ने रखे 8 सवाल !

 12 Oct 2017  1491

ब्यूरो रिपोर्ट / in24 न्यूज़

फिल्म अभिनेता अनुपम खेर को भारतीय फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट (एफटीआईआई) का चेयरमेन नियुक्त किया गया है जिसके बारे में अनुपम खेर का कहना है कि एफटीआईआई को लेकर फिलहाल उनका कोई विजन नहीं है। आपको बता दें कि साल 2015 में इसी इंस्टीट्यूट के पुराने चेयरमेन गजेंद्र चौहान की नियुक्ति का वहां के छात्रों ने कड़ा विरोध किया था लेकिन इस बार मामला थोड़ा अलग है। अनुपम खेर ने अभी अपनी नई पारी की नई जिम्मेदारी नहीं संभाली है, उससे पहले ही एफटीआईआई के छात्र संगठन ने उनके नाम एक खुला खत लिखा है। संगठन के अध्यक्ष रॉबिन घोष और सचिव रोहित कुमार ने इस खत के जरिये नए चेयरमेन को आने वाली चुनौतियों से आगाह करवाया है। अनुपम खेर को लिखे खुले खत की शुरुवात में ही छात्रों ने लिखा कि,''आप अभी अपने नए रोल के लिए लोगों से बधाई ले ही रहे होंगे, लेकिन हम आपका ध्यान देश के इस प्रतिष्ठित संस्था के अहम मुद्दों की तरफ दिलाना चाहते हैं।''

छात्रों द्वारा अनुपम खेर को लिखी गयी चिट्ठी में कुल आठ महत्वपूर्ण सवाल किये गए जो इस प्रकार हैं  ...

1 - एफ़टीआईआई ने पिछले दिनों कई सारे शॉर्ट टर्म कोर्स की शुरुआत की है। इसमें छात्रों को भर्ती कर पैसे तो खूब मिले लेकिन छात्र को असली ज्ञान नहीं मिल पा रहा है। छात्रों ने अनुपम खेर से पूछा कि क्या किसी भी सरकारी संस्था के लिए पैसे कमाना ही मक़सद होना चाहिए।

2- पिछले एक साल में इंस्टीट्यूट ने 'ओपन डे' और 'फ़ाउंडेशन डे' के नाम पर लाखों रुपए खर्च किए। लेकिन उस पैसे का इस्तेमाल लाइट, कैमरा और बाकी समान खरीदने के लिए किया जाना चाहिए।

3- छात्रों ने नए चेयरमैन का ध्यान नए सिलेबस की तरफ भी खींचा। छात्रों के मुताबिक, नए सिलेबस में वर्कशॉप और प्रैक्टिकल क्लास पर बहुत कम क्रेटिड दिए गए हैं।

साथ ही इस साल एडमिशन के समय छात्रों को पूरा सिलेबस भी नहीं दिया गया है। इतना ही नहीं सिलेबस में कुछ ऐसे बदलाव भी किए गए हैं जो वास्तव में हो ही नहीं सकते। छात्र इस वजह से काफ़ी परेशान चल रहे हैं।

4- इंस्टीट्यूट में लाइटमैन कांट्रैक्ट पर काम करते हैं। हालांकि यहां पढ़ाई सप्ताह में 5 दिन ही होती है। लेकिन कई बार छठे दिन जब जरूरत होती है तो कोई लाइटमैन नहीं मिलता क्योंकि उनको पैसे भी पांच दिन के हिसाब से ही मिलते हैं।

5 - इतना ही नहीं इंस्टीट्यूट में पढ़ाने वाले ज़्यादातर अध्यापक कॉन्ट्रैक्ट पर ही है। वो हमेशा इस डर में जीते हैं कि उनको कभी भी काम से निकाला जा सकता है। उनको सैलरी भी 3 महीने देरी से मिलती है। एफ़टीआईआई में सभी विषय पढ़ाने वाले अध्यापक भी नहीं हैं।

6 - यहां छात्रों को कोर्स समय पर पूरा करने के लिए अंडरटेकिंग पर साइन करा लिया जाता है, जबकि इंस्टीट्यूट की तरफ़ से इसके लिए कोई प्रबंध नहीं होता।

7 - सिलेबस, फ़ीस, स्टाफ, प्रशासन और प्रबंधन के मुद्दे पर छात्र प्रतिनिधियों को शिक्षा परिषद की बैठकों में शामिल नहीं होने दिया जाएगा. फरवरी 2017 में हमें मेल भेज कर ऐसी जानकारी दी गई थी। इस पर आपकी क्या है राय ?

8 - इस संस्था में हम केवल सिनेमा को एक वस्तु के रूप में न देखें बल्कि एक कला के तौर पर देखें।

छात्रों ने लिखा है, "उम्मीद है कि आपके आने से इन सबकी तरफ़ आपका ध्यान जाएगा।" हालांकि अनुपम खेर की इस पर अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। Read Entertainment News in Hindi