एसएस राजामौली को रामायण, महाभारत लगती है कहानियां
18 Feb 2023
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साक्षी शर्मा/ in24 न्यूज़
साउथ फिल्म के मशहूर डायरेक्टर और प्रोड्यूसर एसएस राजामौली को अब सिर्फ भारत के ही लोग नहीं बल्कि पूरी दुनिया के फ़िल्मी जगत के लोग जनाने लगे है। एसएस राजामौली जिस प्रकार फ़िल्में बनाते है उसकी अब सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि दुनियाभर के लोग उनकी फिल्म के कायल है। राजामौली लंबे समय से अपने फिल्म आरआरआर और बाहुबली को लेकर चर्चे में बने हुए रहते है। इस बार राजामौली अपने फिल्मों को लेकर नहीं बल्कि अपने बयान को लेकर चर्चे में बने हुए है।
हाल ही में, राजामौली ने इंटरनेशनल मीडिया 'द न्यू यॉर्कर' को इंटरव्यू दिया। इंटरव्यू देने के दौरान उन्होंने अपने बारे में ऐसी कई बातें बताई जिससे वह फँस के बीच ट्रोल होने लगे साथ ही उनका बयान एक मुद्दा का विषय बन गया। इंटरव्यू के दौरान उन्होंने अपनी फिल्म आरआरआर की सफलता और उसकी मेकिंग पर बात करते हुए कहा कि, उन्हें टॉलीवूड शब्द नहीं पसंद है और वे चाहते है कि उनकी फिल्मों को साउथ फिल्म के नाम से संबोधित किया जाए। इतना ही नहीं राजामौली के बातों पर लोगों को तब अचरज लगा जब उन्होंने धर्म की बातें कहीं।
यह बात तो हर कोई जानता है कि राजामौली नास्तिक है। लेकिन वह हमेशा से ऐसा नहीं थे। उन्होंने बताया कि उन्होंने कई धर्मग्रंथों का अध्ययन किया है। तीर्थयात्रा भी की है। भगवा वस्त्र भी धारण किया है। चर्च में भी गए और वहां बाइबल भी पढ़े है। लेकिन उनका मानना है कि सभी चीजों ने मुझे किसी तरह यह महसूस कराया कि धर्म एक प्रकार का शोषण है। हालांकि एसएस राजामौली ने कहा कि उनकी फ़िल्में किसी न किसी तरह हिंदू धर्मग्रंथ रामायण और महाभारत से प्रभावित रहती है। आगे वह कहते है कि रामायण और महाभारत से मेरा प्यार कभी कम नहीं होगा। दोनों ग्रंथ महासागर की तरह है। जब भी मैं इन्हें पढ़ता हूँ कुछ न कुछ नया सीखता हूँ। राजामौली ने कहा की मैं इन कहानियों को तब से पढ़ा हूँ जब से मैं छोटा बच्चा था। शुरूआती में वे सिर्फ अच्छी और आकर्षक लगती थी। जैसे जैसे मैं बड़ा हुआ, मैंने पाठ के विभिन्न संस्करणों को पढ़ा और कहानी मेरे लिए कुछ बड़ी बनने लगी । मुझसे जो कुछ भी निकलता है, वह किसी न किसी तरह से ग्रंथों से प्रभावित होता है। वे ग्रंथ महासागरों की तरह है।