दिलीप साब, तुम जियो हज़ारों साल

 11 Dec 2019  899

संवाददाता/in24 न्यूज़.  
अभिनय की दुनिया में अपनी अलग और अनोखी पहचान बनानेवाले अभिनेता दिलीप कुमार को एक संस्थान माना जाता है. इनकी अदाकारी देख-देखकर कई कलाकार स्टार बने और बॉलीवुड में अपनी पहचान बनाई। आज अभिनेता दिलीप कुमार 97 साल के हो गए. दिलीप कुमार की सबसे बड़ी पहचान एक ट्रेजिडी किंग के तौर पर बनी है. गौरतलब है कि दिलीप कुमार का असली नाम मुहम्मद यूसुफ खान है. फिल्मों में आने के बाद वे मुहम्मद यूसुफ खान से दिलीप कुमार बने. दिलीप कुमार ने हिंदी सिनेमा में पांच दशकों तक अपने शानदार अभिनय से दर्शकों के दिल पर राज किया है. दिलीप साहब का जन्म पेशावर में 11 दिसंबर, 1922 को हुआ था. दिलीप कुमार 12 भाई-बहन हैं. दिलीप जी के पिता फल बेचा करते थे और मकान का कुछ हिस्सा किराए पर देकर गुजर-बसर करते थे. दिलीप कुमार का परिवार साल 1930 में मुंबई आकर बस गया था. साल 1940 में पिता से मतभेद के कारण दिलीप साहब पुणे आ गए. पुणे शहर में दिलीप कुमार की मुलाकात ताज मुहम्मद से हुई, जिनकी मदद से उन्होंने आर्मी क्लब में सैंडविच स्टॉल लगाया. इसके बाद दिलीप कुमार वापस मुंबई अपने पिता के पास पहुंच गए. दिलीप कुमार ने साल 1944 में आई फिल्म 'ज्वार भट्टा' से अपने फिल्मी सफर की शुरुआत की थी. फिल्मों में आने के बाद उन्होंने मुहम्मद यूसुफ खान से अपना नाम बदल कर दिलीप कुमार रख लिया. साल 1949 में फिल्म 'अंदाज' से दिलीप कुमार को एक अलग पहचान मिली. दिलीप कुमार को 1983 में फिल्म 'शक्ति', 1968 में 'राम और श्याम', 1965 में 'लीडर', 1961 की 'कोहिनूर', 1958 की 'नया दौर', 1957 की 'देवदास', 1956 की 'आजाद', 1954 की 'दाग' के लिए फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार से नवाजा गया. दिलीप कुमार पर फिल्माया गया गाना 'नैन जब लड़िहें तो मनवा मा कसक होयबे करी' को लोग आज भी बहुत पसंद करते हैं. फिल्म दीदार' और 'देवदास' जैसी फिल्मों में उनकी भूमिकाओं की वजह से उन्हें ट्रेजिडी किंग कहा जाने लगा. दिलीप कुमार ने साल 1960 में फिल्म 'मुगल-ए-आजम' में मुगल राजकुमार जहांगीर की भूमिका निभाई थी. यह फिल्म पहले ब्लैक एंड व्हाइट रिलीज हुई थी. इसके बाद साल 2004 में यह रंगीन बनाई गई. अभिनेता दिलीप कुमार राज्यसभा के सदस्य भी रह चुके हैं. अभिनय के इस बेताज बादशाह को in24 न्यूज़ परिवार की तरफ से जन्मदिन की हार्दिक बधाई।