86 साल के हुए हरफनमौला गुलज़ार

 18 Aug 2020  651

संवाददता/in24 न्यूज़.
फिल्म और साहित्य जगत में गुलज़ार का नाम स्थापित है. हरफनमौला गुलज़ार ने आज अपने जीवन के 86 वर्ष पूरे कर लिए हैं. गुलजार की पहचान प्रसिद्ध गीतकार के रूप में है लेकिन उन्होंने पटकथा लेखन, फिल्म निर्देशन, नाट्यकला, कविता लेखन में भी महारत हासिल है। गुलजार साहब का आज जन्मदिन है। उनका जन्म आजादी से पूर्व पाकिस्‍तान में 18 अगस्‍त 1934 को हुआ था। मखमली शब्दों से अपने गजलों में रंग भर देने वाले गुलजार साहब पूरे 86 साल के हो चुके हैं।सिख परिवार में जन्मे गुलजार का असली नाम संपूर्ण सिंह कालरा है। गुलजार उनका पेन नेम है।  गुलजार साहब का जन्म पाकिस्तान में हुआ था लेकिन विभाजन के समय उनका परिवार पंजाब के अमृतसर में आकर बस गया। ऐसे में उनका बचपन काफी दर्दनाक रहा क्योंकि काफी कम उम्र में ही उन्होंने अपनी मां को खोय दिया और पिता का साया भी बचपन में ही सर से उठ गया। फिर दिन गुलजार मुंबई चले आए। शुरुआती दिनों में महानगरी में रहना गुलजार के लिए बेहद कठिन था। मुंबई जैसे शहर में अपना गुजारा करने के लिए गुलजार साहब ने वर्ली में एक गैराज में कार मेकैनिक का काम करना शुरु कर दिया और खाली समय का इस्तेमाल करते हुए कविताएं लिखनी शुरू कर दी। कुछ वक्त बाद उन्होंने गैरेज का काम छोड़ हिंदी सिनेमा के मशहूर निर्देशक बिमल राय, हृषिकेश मुख़र्जी और हेमंत कुमार के सहायक के रूप में काम करना शुरू कर दिया। जिसके बाद आधिकारिक तौर पर बिमल राय की फिल्म 'बंदनी' के लिए गुलज़ार ने अपना पहला गीत लिखा।1973 में गीतकार गुलजार ने अभिनेत्री राखी से शादी की थी। शादी के कुछ समय बाद ही उनकी बेटी मेघना पैदा हुईं जोकि आज बॉलीवुड निर्देशक हैं। उन्‍होंने राजी और तलवार जैसी फिल्‍में बनाई हैं। शादी के कुछ वक्‍त बाद ही राखी और गुलजार के बीच दूरियां आ गईं और दोनों अलग हो गए। राखी और गुलजार के अलग होने की वजह एक फिल्‍म थी। गुलजार चाहते थे कि शादी के बाद राखी फिल्‍मों में काम न करें, लेकिन राखी ने फिल्‍म कभी-कभी (1976) में काम करने के लिए हामी भर ली और शूटिंग शुरू कर दी। हालांकि 40 साल से अलग अलग रहने के बाद भी उन्‍होंने तलाक नहीं लिया है। आंधी, मौसम, मिर्जा गालिब (टीवी सीरीज), किरदार जैसी फिल्‍मों का निर्देशन करने वाले गुलजार ने बॉलीवुड की कई फिल्‍मों के लिए गीत लिखे हैं। उनके इस योगदान के लइए उन्‍हें 2004 में पद्मभूषण से नवाजा गया था। इसके अलावा बीस बार फिल्मफेयर और पांच बार राष्ट्रीय पुरस्कार अपने नाम कर चुके हैं। इसके साथ ही 2010 में उन्हें स्लमडॉग मिलेनियर के गाने 'जय हो' के लिए ग्रैमी अवॉर्ड से भी नवाजा जा चुका है। वहीं गुलजार को प्रतिष्ठित दादा साहब फालके पुरस्कार से भी नवाजा जा चुका है। उम्र के इस पड़ाव पर भी जिस तरह गुलज़ार सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं, वह हर किसी के लिए प्रेरणादायक है. इस जन्मदिन पर गुलज़ार साहब को ढेरों बधाइयां और शुभकामनाएं.