उर्मिला बन सकती हैं शिवसेना की प्रवक्ता
31 Oct 2020
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संवाददाता/in24 न्यूज़.
फिल्म अभिनेत्री उर्मिला मातोंडकर अपनी नई राजनीतिक पारी शिवसेना के साथ शुरू करने के मूड में हैं. महाराष्ट्र विधान परिषद की राज्यपाल मनोनीत 12 सीट में से एक पर शिवसेना अभिनेत्री उर्मिला मातोंडकर को अपना उम्मीदवार बनाने की तैयारी में है। इस बात की जानकारी सूत्रों से मिली है। सीएम उद्धव ठाकरे ने इस मामले में खुद उर्मिला से फ़ोन पर बात की है। बता दें कि गुरुवार को, महाराष्ट्र कैबिनेट ने एक प्रस्ताव को मंजूरी दी थी, जिसमें मुख्यमंत्री को परिषद में नामांकन के लिए राज्यपाल को 12 नाम भेजने के लिए अधिकृत किया गया था। सूत्रों ने कहा कि सत्तारूढ़ सहयोगी शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस ने चार-चार नामों की सिफारिश की है। खबरों के मुताबिक उर्मिला ने शिवसेना के इस ऑफर को स्वीकार कर लिया है। बताया जा रहा है कि शिवसेना उर्मिला को पार्टी की प्रवक्ता भी बना सकती है। उर्मिला से पहले प्रियंका चतुर्वेदी जो कि कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता थी। उर्मिला की तरह प्रियंका ने भी कांग्रेस से इस्तीफा देकर शिवसेना में शामिल हो चुकी हैं। शिवसेना ने उन्हें पार्टी का प्रवक्ता भी बनाया है। उर्मिला मातोडकर ने साल 2019 में पहली बार राजनीति में कदम रखा था। उन्होंने उत्तर मुंबई की लोकसभा सीट से कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ा था। हालांकि चुनाव बीतने के कुछ ही महीनों बाद अचानक उन्होंने पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। बताया जाता है कि पार्टी और उर्मिला के बीच किसी बात को लेकर मतभेद था जिसकी वजह से उन्होंने पार्टी छोड़ने का फैसला लिया। शिवसेना से पहले कांग्रेस पार्टी ने भी उर्मिला को विधान परिषद के लिए उमीदवार बनाने के लिए सम्पर्क किया था, लेकिन उर्मिला ने इस ऑफर को ठुकरा दिया। दरअसल शिवसेना अपने कोटे से उर्मिला को एमएलसी पद का इसलिए उम्मीदवार बनाना चाहती है, क्योंकि वे एक मराठी चेहरा और एक मराठी नाम है। इसके अलावा, चूंकि वह कला क्षेत्र से हैं, इसलिए गवर्नरशिप के लिए उपयुक्त उम्मीदवार हैं। गवर्नर नियुक्त एमएलसी रूल्स के अनुसार उस व्यक्ति को नियुक्त किया जाता है जिसका सम्बंध खेल, साहित्य, सामाजिक कार्य, शिक्षा क्षेत्र से हो। ऐसे में अगर इन क्षेत्रों से अगर ये मानदंड पूरे नहीं होते हैं, तो राज्यपाल नामों को अस्वीकार कर सकते हैं। इसी वजह से उद्धव सरकार ने उमीदवारों के चुनाव में कोई कोताही नहीं बरतना चाहती है। दरअसल सुशांत केस की जांच को लेकर कंगना ने महाराष्ट्र सरकार पर जमकर निशाना साधा था। इसके बाद कंगना ने मुंबई की पीओके से तुलना कर दी थी जिसको लेकर काफी हो हल्ला मचा था। इसके बाद उर्मिला ने महाराष्ट्र सरकार का बचाव करते हुए था कि जिस राज्य से कंगना आती हैं वहां कई परेशानियां हैं। उसकी ओर कंगना को ध्यान देना चाहिए। जिस मुंबई ने नाम और पैसा दिया उसकी पीओके से तुलना करना गलत है। इसके बाद कंगना ने उर्मिला को सॉफ्ट पॉर्न स्टार तक कह दिया था। बहरहाल, शिवसेना से यदि उर्मिला जुड़कर काम करती हैं तो तय है कि कांग्रेस की तरह इन्हें अलग-थलग नहीं छोड़ा जाएगा.