दरअसल ऋषि सुनक के पीएम बनने पर भारतीय मूल के लोगों ने उनसे कई तरह की उम्मीद लगाई थी लेकिन वह पूरा नहीं हुआ और नाराजगी का नकारात्मक परिणाम इस चुनाव में देखने मिला। इसमें सबसे बड़ा कारण है की ऋषि सुनक ब्रिटेन के आर्थिक व्यवस्था को लेकर पूरी तरह से असफल रहे। ब्रिटेन की महंगाई को कम करने भी कंजर्वेटिव पार्टी विफल रही। जैसे- टैक्स में लगातार इजाफा, रहन-सहन के खर्च में बढ़ोतरी, इसके आलवा ब्रिटेन में होनेवाले अपराधों पर भी कोई रोक नहीं लगा सके।
इसके विपरीत लेबर पार्टी ने नए घर बनाने संबंधी नीति लेकर आई। जिसे लोगों ने खुशी- खुशी अपनाया। वहीं ब्रिटेन में नई सरकार बनने से भारत पर भी इसका असर पड़ सकता है। दरअसल फ्री ट्रेंड एग्रीमेंट के लिए दिल्ली के 20 शिखर सम्मेलन में पीएम नरेंद्र मोदी और ऋषि सुनक ने काफी मेहनत की थे लेकिन नए लेबर पार्टी के बनने पर शायद अब फ्री ट्रेंड एग्रीमेंट में देरी हो सकती है। वहीं नतीजों के बाद ऋषि सुनक ने अपने समर्थकों से माफी मांगते हुए कहा की इस गलती से सीख लेने की जरूरत है।