गायों की मौत का जिम्मेदार बीजेपी नेता गिरफ्तार, गुस्साई भीड़ ने पोती कालिख !

 19 Aug 2017  1536

ब्यूरो रिपोर्ट / in24 न्यूज़

गौ रक्षा के लिए जो बीजेपी हर सभव प्रयास में जुटी है उसी बीजेपी के नेता ने कई गायों को मौत के मुंह में धकेल दिया मामला है छत्तीसगढ़ का जहां हुई तीन दर्जन से ज्यादा गायों की मौत के जिम्मेदार बीजेपी नेता हरीश वर्मा पर कांग्रेसियों ने उस वक्त कालिख पोत दी, जब उन्हें सुनवाई के लिए अदालत ले जाया जा रहा था।

हालांकि पुलिस ने आरोपी हरीश वर्मा को उनके चंगुल से छुड़ा लिया। हरीश वर्मा को अदालत ले जाते वक्त पुलिस ने काफी एहतियात बरती, लेकिन सिर्फ कांग्रेसी ही नहीं बल्कि कई ग्रामीण गौ हत्या को लेकर इस तरह आक्रोशित थे कि उन्होंने इस बीजेपी नेता की पिटाई करने की भी कोशिश की। हरीश वर्मा दुर्ग की जामुल नगर पालिका परिषद के उपाध्यक्ष भी हैं। पुलिस ने बीजेपी नेता के खिलाफ पशु अत्याचार अधिनियम के तहत केस दर्ज किया है। इस बीजेपी नेता की दुर्ग और बेमेतरा जिले में तीन गौशालाएं हैं। कुल तीनों ही गौशालाओं में गायों की दयनीय स्थिति और बेमौत मारे जाने को लेकर लोग भड़के हुए हैं।

दुर्ग की जिला अदालत में उस समय गहमा गहमी मच गई, जब गौ हत्या के आरोप में गिरफ्तार बीजेपी नेता हरीश वर्मा को पेश किया जा रहा था। अदालत परिसर के भीतर मौजूद लोगों ने अचानक नेता पर हमला कर दिया। कुछ लोगों ने थप्पड़ जड़ने की कोशिश भी की लेकिन किसी तरह पुलिस ने बीच बचाव किया।  लोग इतने आक्रोशित थे कि उन्होंने आरोपी बीजेपी नेता के मुंह पर कालिख पोत दी। छत्तीसगढ़ में 200 से ज्यादा गायों को भूखा मारने के आरोप में गिरफ्तार बीजेपी नेता हरीश वर्मा पर 93 लाख रुपये के घाटाले का भी आरोप है।

पुलिस के मुताबिक हरीश को 93 लाख रुपये गोसेवा आयोग की तरफ से अनुदान में मिले थे। इस धनराशि का इस्तेमाल गायों के भरण-पोषण व गौशाला के रखरखाव के लिए किया जाना था। हालांकि बीजेपी नेता का कहना है कि उसे पिछले तीन महीने से अनुदान नहीं मिला है। गौशाला का खर्च वह अपने पास से दे रहा है। पुलिस ने हरीश पर धारा 409 (शासकीय राशि का गबन) के तहत केस दर्ज किया है।

इसके अलावा हरीश पर पशु क्रूरता निवारण अधिनियम के तहत भी केस दर्ज किया गया है। बहरहाल गाय को माता कहा जाता है और देश की सबसे बड़ी पार्टी बीजेपी इसको लेकर गंभीर भी है लेकिन जब बीजेपी के नेता ही गाय माता को बचा पाने में असक्षम है तो दूसरों से उम्मीद ही क्या की जा सकती है ?