संवाददाता/ in24 न्यूज़
दक्षिण मुंबई के अंतर्गत आने वाले भुलेश्वर बाजार में 14 जनवरी को लूट की बड़ी वारदात को अंजाम दिया गया, जिस की गुत्थी को मुंबई पुलिस ने सुलझा ली है. इस बारे में मुंबई पुलिस के ज्वाइंट कमिश्नर विश्वास नांगरे पाटील ने बताया कि, भुलेश्वर बाजार में स्थित एक ज्वेलरी शॉप में 8 करोड़ रुपए के सोने के आभूषण पर कुल 10 आरोपियों ने हाथ साफ किया था और लूट की इस बड़ी वारदात को अंजाम देने के बाद वे सभी मौके से फरार हो गए थे. ज्वेलरी शॉप के मालिक की शिकायत के आधार पर लोकमान्य तिलक मार्ग पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की गई थी, जिसकी जांच में एलटी मार्ग पुलिस लगातार जुटी हुई थी. लूट की वारदात को अंजाम देने वाले आरोपियों को तलाशने के लिए पुलिस की कुल 6 टीमें गठित की गई थी, जिनमें से कुछ टीमें उत्तर प्रदेश की ओर, तो कुछ राजस्थान की ओर तथाकथित आरोपियों की धरपकड़ में लगातार जुटी हुई थी. यही नहीं, ज्वाइंट सीपी विश्वास नांगरे पाटील के मुताबिक कथित आरोपियों ने मौका ए वारदात से सीसीटीवी कैमरे के साथ-साथ सीडीआर मशीन भी उड़ा लिए थे, जिसकी वजह से उनकी शिनाख्त नहीं हो पा रही थी, ऐसे में तथाकथित चोरों की पहचान करने में पुलिस को बड़ी दिक्कत आ रही थी.
आखिरकार इंफॉर्मेशन नेटवर्क के आधार पर पुलिस को महत्वपूर्ण सूचना कथित आरोपियों के बारे में मिली जिसके बाद पुलिस ने अलग-अलग राज्यों से अब तक कुल 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनके पास से लूट के आभूषण बरामद कर लिए हैं. गौर करने वाली बात यह भी है कि कथित आरोपियों में से गणेश और रमेश नाम के आरोपी ने बंटवारे में आए आभूषण को खेत में गड्ढा करके छुपाया हुआ था, जिसे पुलिस ने वहां से बरामद कर लिया है.
पुलिस के मुताबिक गणेश और रमेश को बंटवारे में सबसे अधिक 4 करोड़ रुपए से अधिक के गहने मिले। यही नहीं, गणेश और रमेश को इस पूरी वारदात का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है, जिन्होंने चोरी का पूरा षड्यंत्र रचा था. भुलेश्वर बाजार में सोने की दुकान पर चोरी की वारदात को अंजाम देने के बाद तथाकथित लुटेरे ओला कैब से बोरीवली की तरफ गए और वहां से प्राइवेट टैक्सी से राजस्थान के पालन पहुंचे थे. कुल 10 आरोपियों में से 7 आरोपी आरोपी राजस्थान के सिरोही के रहने वाले हैं, जबकि तीन आरोपी मध्यप्रदेश के इंदौर के रहने वाले बताए जा रहे हैं.
इस मामले की जांच में जुटी पुलिस ने लूट की गुत्थी को सुलझाने के लिए टेक्निकल साइबर एक्सपर्ट की मदद ली. सबसे ज्यादा गौर करने वाली बात यह है कि इस पूरी वारदात का मास्टरमाइंड गणेश हीराराम देवासी खुद इस ज्वेलरी शॉप में काम करता था और अपने मालिक खुशाल रसिकलाल टामका का सबसे भरोसेमंद आदमी था, लेकिन जिस मालिक ने उस पर भरोसा किया, उस मालिक के भरोसे का इसने कत्ल कर दिया। जिस समय मालिक के पिता की कैंसर से मौत हुई, उसी समय मौके का फायदा उठाते हुए गणेश ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर कार्यालय की तिजोरी से आठ करोड़ 19 लाख से अधिक कीमत के सोने के गहने और 8 लाख 57 हजार रुपए से अधिक की नकदी चुरा ली, लेकिन हर तरकीब अपनाने के बावजूद यह आरोपी मुंबई पुलिस की गिरफ्त से बच नहीं पाए.
मुंबई पुलिस इन से इनसे लगातार पूछताछ कर रही है और यह जानने की कोशिश कर रही है कि इस घटना क्रम में इनके साथ और कौन-कौन लोग शामिल थे? इसके अलावा गणेश के जिन साथियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है उनका पिछला इतिहास भी मुंबई पुलिस खंगाल रही है. बहरहाल मुंबई पुलिस द्वारा इस अनसुलझी लूट की गुत्थी को सुलझाने पर व्यापारियों में खुशी की लहर है, जिसके बाद व्यापारियों के लिए हब माना जाने वाला दक्षिण मुंबई का इलाका इस समय चर्चा का केंद्र बना हुआ है.