वाराणसी: कोरोना की नकली दवाई बनाने वाले गिरोह का पर्दाफाश, वैक्सीन की शीशी में भरा था पानी और ग्लूकोज

 03 Feb 2022  344
संवाददाता/ in24 न्यूज़
कोरोना (corona pandemic) काल में देश के कई हिस्सों से नकली दवाइयों (fake medicine) और वैक्सीन बरामद होने की खबर सामने आई. अब एक बार फिर ऐसा ही मामला सामने आया है. यूपी (UP) के वाराणसी (varanasi) में पुलिस ने छापा मार कर एक ऐसे कारखाने का खुलासा किया है जहां भारी मात्रा में न केवल नकली कोरोना वैक्सीन (fake corona vaccine) बल्कि नकली टेस्टिंग किट (fake testing kit) और रेमडेसिवीर इंजेक्शन (remdesivir injection) बनाये जाते थे. हैरान कर देने वाली बात यह है कि इन वैक्सीन और इंजेक्शन में दवाई की जगह पानी और ग्लूकोज मिलाकर बेचा जाता था. इन नकली दवाइयों की खेप दिल्ली और केरल के बाजार तक पहुंच भी सप्लाई हो रही थी. इस बात का खुलासा तब हुआ जब STF और IB के डेढ़ साल की मेहनत के बाद नकली कोरोना से संबंधित दवा और वैक्सीन बनाने वाली फैक्ट्री को वाराणसी के मकान में पकड़ा.
 
 
पुलिस को छापे के दौरान लगभग 4 करोड़ के नकली कोरोना वैक्सीन का टीका, टेस्टिंग किट और रेमडेसिवीर इंजेक्शन बरामद हुआ. साथ ही भारी मात्रा में पैकिंग मैटेरियल और मशीनें भी बरामद हुई. इसके अलावा नकली टेस्टिंग किट, नकली कोविशील्ड वैक्सीन, पैकिंग मशीन, स्वाब स्टिक भी बरामद हुए. अवैध रूप से बनाये जा रहे इतनी भारी संख्या में सामान मिलने से पुलिस के होश उड़ गए.
 
 
इस छापेमारी में पुलिस को 1550 नकली रेमडेसिवीर के इंजेक्शन मिले है, जिसमें केवल ग्लूकोज का पाउडर भरा जाता था. इसके अलावा कोविशिल्ड की लेवल लगी हुई 720 नकली वैक्सीन मिली है. एक हजार शीशियां बगैर लेवल की भरी हुई मिली है. इसके अलावा नकली एंटीजन किट भी 432 बॉक्स मिले है और एक बॉक्स में 25 किट होती है. एक बॉक्स की कीमत 37500 रुपये है. इसके अलावा कैडिला के द्वारा बनाई जा रही वैक्सीन भी 880 वायल मिली है, जो अभी सप्लाई भी नहीं हुए है और केवल अंडर ट्रायल ही है. बरामद सारे माल की कीमत 4 करोड़ रुपए है. पुलिस ने बताया कि इस पूरे मामले में 5 लोग पकड़े गए है. मुख्य रूप से पकड़े गए लोगों में लक्ष्य जावा नाम का शख्स दिल्ली का है, जो परचेज करने आया था.
 
 
फैक्ट्री से पकड़े गए एक आरोपी ने पुलिस पूछताछ में बताया कि, इस कारखाने में 4 से 5 लोग काम करते हैं. सामानों को नेटवर्क के द्वारा अलग अलग राज्यों में सप्लाई किया जाता था.