मुंबई में 26/11 आतंकी हमले की 14वीं बरसी
26 Nov 2022
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ब्यूरो रिपोर्ट/in24न्यूज़
देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में हुए 26/11 आतंकी हमले को आज 14 साल बीत गए. आज मुंबई आतंकवादी हमले की 14वीं बरसी है. पूरे देश भर में लोग शहीदों को श्रद्धांजलि दे रहे हैं. इस दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि देश उन सभी लोगों को कृतज्ञता के साथ याद कर रहा है, जिन्हें हमने आतंकी हमले में खो दिया. 14 साल पहले हुए इस हमले में लगभग 18 सुरक्षाकर्मियों समेत 166 मारे गए थे. राष्ट्रपति ने उन सुरक्षाकर्मियों को श्रद्धांजलि दी, जिन्होंने बड़ी बहादुरी से देश के दुश्मनों के साथ अंतिम सांस तक लड़ाई लड़ी और अपना कर्तव्य निर्वहन करते हुए सर्वोच्च बलिदान दिया. मुर्मू ने ट्वीट किया कि, ''26/11 के मुंबई आतंकी हमलों की बरसी पर, राष्ट्र उन सभी को कृतज्ञता के साथ याद कर रहा है, हम उनके परिजनों और परिवारों की पीड़ा को समझते हैं. राष्ट्र उन सुरक्षाकर्मियों को श्रद्धांजलि अर्पित करता है, जिन्होंने बहादुरी से लड़ाई लड़ी और कर्तव्य निर्वहन करते हुए सर्वोच्च बलिदान दिया.'' वहीं महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शनिवार को उन शहीदों को पुष्पांजलि अर्पित की, जिन्होंने 14 साल पहले 26 नवंबर को शहर पर हमला करने वाले आतंकवादियों से लड़ते हुए अपनी जान गंवा दी थी. उन्होंने दक्षिण मुंबई स्थित पुलिस आयुक्त कार्यालय के परिसर में बनाये गए शहीद स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित की. इस दौरान उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, मंत्री दीपक केसरकर, मुख्य सचिव मनु कुमार श्रीवास्तव, राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) रजनीश सेठ, मुंबई पुलिस आयुक्त विवेक फणसालकर और अन्य अधिकारी मौजूद रहे. नवंबर 2008 में हुए इन हमलों में जान गंवाने वाले पुलिसकर्मियों के परिजनों ने भी शहीदों को श्रद्धांजलि दी. उल्लेखनीय है कि 10 पाकिस्तानी आतंकवादी 26 नवंबर, 2008 को समुद्री मार्ग से मुंबई पहुंचे थे और उनके हमले में 18 सुरक्षाकर्मियों समेत 166 मारे गए थे तथा कई अन्य लोग घायल हुए थे. इसके अलावा करोड़ों रुपये की संपत्ति को भी नुकसान पहुंचा था. यह हमला 26 नवंबर को शुरू हुआ था और 29 नवंबर तक चला था. इस दौरान छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस, ओबेरॉय ट्राइडेंट, ताजमहल पैलेस एंड टॉवर, लियोपोल्ड कैफे, कामा अस्पताल, नरीमन सामुदायिक केंद्र जैसे स्थानों को निशाना बनाया गया था. आमिर अजमल कसाब एकमात्र आतंकवादी था, जिसे जिंदा पकड़ा गया था. उसे चार साल बाद 21 नवंबर, 2012 को फांसी दे दी गई थी. मुंबई में हुए आतंकी हमले में घायल हुए लोगों के जेहन में खौफ का मंजर आज भी घूम रहा है, जो जख्म उन्हें मिले उसका दर्द अपने जीवन में शायद ही वो भुला पाएं.