मुंबई के फाइव स्टार होटल में ठगी की बड़ी दुकान !

 15 Aug 2023  3441

संजय मिश्रा/in24 न्यूज़/मुंबई

देश की आर्थिक राजधानी मुंबई इन दिनों नटवरलालों का अड्डा बनता जा रहा है. यहां की चकाचौंध में हर कोई खो जाना चाहता है, हर कोई नया मुकाम हासिल करने के लिए इसी शहर को चुनता है लेकिन कभी-कभी इस मायावी नगरी में कोई बहुत कुछ लुटा बैठता है तो, कोई बहुत कुछ अर्जित भी कर लेता है. दरअसल मुंबई पुलिस की अपराध शाखा ने पिछले सप्ताह एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया, जो नायब तरीके से ठगी की बड़ी बड़ी वारदातों को अंजाम दे रहे थे. गौर करने वाली बात ये है कि तथाकथित नटवरलालों की टोली ने मुंबई के एक पांच सितारा होटल को ठगी का केंद्र बना रखा था. मुंबई क्राइम ब्रांच से मिली जानकारी के अनुसार कनाडा जाने वाले यात्रियों के साथ सस्ते में टिकट दिलाने के नाम पर कथित नटवरलालों ने करोड़ों रुपये की ठगी की है. पिछले सप्ताह मुंबई क्राइम ब्रांच ने लगभग एक दर्जन से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया था बाद में एक और आरोपी की गिरफ्तारी हुई, जिसमें पुलिस ने पूछताछ के दौरान आरोपियों से बड़ी संख्या में सामग्रियां जब्त की है. एडवोकेट अजय उमापति दुबे के अनुसार सभी आरोपियों को पुलिस ने मुंबई के किला कोर्ट में पेश किया जहां से न्यायपालिका ने सभी आरोपियों को आगे की पूछताछ के लिए 18 अगस्त तक के लिए पुलिस रिमांड पर भेज दिया है. गिरफ्तार आरोपियों में ज्यादातर दिल्ली के मूल निवासी हैं, जो मुंबई में रहकर अपना शिकार तलाशते थे. सबसे ज्यादा दिलचस्प बात यह है कि सस्ते में हवाई टिकट दिलाने का इनका जो गोरखधंधा है उसमें कई लोग शामिल हैं. पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक यदि किसी कनाडा जाना हो तो अचानक में हवाई टिकट हासिल करने के लिए लोगों को 60 से 70 हजार रुपये खर्च करने पड़ते हैं. इसी का फायदा नटवरलालों की यह टोली उठाया करती है. सस्ते दामों में हवाई टिकट देने के नाम पर रोजाना यह दर्जनों लोगों को अपनी ठगी का शिकार बनाते थे. सस्ता टिकट बेचने के लिए कथित नटवरलाल सोशल मीडिया पर बाकायदा विज्ञापन देते थे, ताकि शिकार फंसने में ज्यादा वक्त ना लगे. क्राइम ब्रांच के डीसीपी राज तिलक रौशन के अनुसार एसीपी महेश देसाई और सीनियर इंस्पेक्टर लक्ष्मीकांत सालुंखे की जांच में यह पता चला है कि गिरफ्तार आरोपियों ने गूगल को विज्ञापन के लिए 1 करोड़ 40 लाख रुपये दिए थे. विज्ञापन में सस्ते टिकट पाने के लिए उन्होंने बाकायदा मोबाइल नंबर दे रखा था. उसी मोबाइल नंबर पर लोग कॉल करते थे, तो पहले कॉल नहीं उठाया जाता लेकिन उसके तत्काल बाद वॉट्सऐप कॉल्स करके ये आरोपी अपने शिकार से बात करते थे ताकि इनका साल रिकॉर्ड न हो सके. इसके बाद टिकट खरीदने वाले को यह आरोपी बाकायदा एक अकाउंट नंबर दे देते थे और उसी पर रकम ट्रांसफर करवाकर ठगी को अंजाम देते थे. जितनी जल्दी रकम उक्त अकाउंट नंबर पर ट्रांसफर होती उतनी ही तत्परता से उसे विड्रॉ भी कर लिया जाता. मुंबई क्राइम ब्रांच के डीसीपी के अनुसार इस केस में कुछ आरोपी अभी भी फरार हैं, जिनकी शिद्दत से तलाश की जा रही है. जांच के दौरान पुलिस को यह भी पता चला कि उन्हीं के यह बैंक अकाउंट्स थे, जो उसने अलग-अलग नाम से बनवाए गए थे. पुलिस ने एक वॉन्टेड आरोपी की व्हाट्सएप डीपी में एक बड़े राजनेता का फोटो भी लगा पाया.

        मुंबई पुलिस के अनुसार टिकट बेचने के लिए एक कॉल सेंटर बनाया गया था. वहां काम करने वालों को सैलरी नहीं मिलती थी बल्कि उन्हें महीने भर टारगेट दिया जाता था. उनके द्वारा हुई कमाई का कुल 10 से 20 फीसदी हिस्सा उन्हें मेहनताने के तौर पर दिया जा रहा था. इनकी ठगी की दास्तान का अंत यहीं नहीं होता, पुलिस के अनुसार ठगबाजों का यह गिरोह लोगों को फर्जी एयर टिकट व्हाट्सएप के जरिए भेजता, और यदि टिकट असली भी है तो भी कीमत पूरी लेकर उसे होल्ड पर रख कर यात्री को कुछ और कहानी बयां की जाती. यह किस्सा भी काफी दिलचस्प है. क्राइम ब्रांच के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के मुताबिक कई तरह के ऐसे ऐप्स हैं, जो सस्ते दाम पर टिकट देने का वादा करते हैं, और रकम भी एडवांस में ले लेते हैं. टिकट बुक करके सामने वाले दे भी देते हैं, लेकिन उनसे कहते हैं टिकट का पीएनआर नंबर फ्लाइट छूटने के टाइम से 12 घंटे पहले भेजा जाएगा. इसी दौरान कथित ठग टिकट कैंसल करा कर कैंसल चार्ज को छोड़ बाकी की रकम ऐंठ लेते थे. और जिसके नाम टिकट बुक है यदि 12 घंटे पहले उसे पीएनआर नंबर नहीं मिला, तो वह टिकट बुक करने वाले को कॉल करता था, लेकिन जब मोबाइल जब बंद मिलता, उसे एहसास हो जाता कि उसके साथ ठगी की गई है. कुल मिलाकर मुंबई में सस्ती हवाई टिकट हासिल करने वालों को यह सोचना होगा कि कोई सस्ती टिकट उसे क्यों देगा और उससे भी बड़ी बात कि किसी को भी रकम ट्रांसफर करने से पहले लोगों को सतर्क और सजग रहना होगा. बहरहाल मुंबई पुलिस की अपराध शाखा की जांच की दिशा जैसे जैसे आगे बढ़ रही है कई अन्य खुलासे भी सामने आने लगे हैं ऐसे में यह देखना बेहद महत्त्वपूर्ण होगा कि जांच में जुटी क्राइम ब्रांच की टीम अपने अंतिम निष्कर्ष तक कब तक पहुंच पाती है.