देसी बम बनाने के आरोपी को बॉम्बे हाईकोर्ट ने दी जमानत

 06 Oct 2023  782
ब्यूरो रिपोर्ट/in24न्यूज़/मुंबई
 
दक्षिणपंथी समूह सनातन संस्था के सदस्य को पांच साल पहले पुणे शहर में आयोजित 'सनबर्न' महोत्सव को निशाना के आरोप में गिरफ्तार किया गया, उस पर बम बनाने का आरोप लगा था. पांच साल के बाद बॉम्बे हाई कोर्ट ने 44 वर्षीय आरोपी को आखिरकार जमानत दे दी. बॉम्बे हाई कोर्ट की जज रेवती मोहिते डेरे और गौरी गोडसे की खंडपीठ ने 20 सितंबर को वैभव राउत को यह कहते हुए जमानत दे दी कि यह मुकदमा जल्द खत्म होने के आसार नहीं दिख रहा. पीठ ने यह भी कहा कि आरोपी राउत के खिलाफ अभियोजन पक्ष के इस पुष्टि नहीं हो पाई है कि उसने ही बम बनाए थे. बॉम्बे हाईकोर्ट ने इस बात पर भी गौर किया कि जिस गोदाम से बम बरामद हुआ वह राउत क नहीं था. इस मामले के एक सह आरोपी को जमानत देने वाले पूर्व के एक आदेश का हवाला देते हुए पीठ ने कहा कि सनातन संस्था को केंद्र सरकार ने प्रतिबंधित नहीं किया है. राउत को महाराष्ट्र आतंकवाद रोधी दस्ते (एटीएस) ने मुंबई के बाहरी इलाके नालासोपारा में एक गोदाम से देसी बम कथित तौर पर बरामद होने के बाद गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम कानून, भारतीय दंड संहिता और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों के तहत 2018 में गिरफ्तार किया था. जमानत याचिका में राउत की वकील सना रईस खान ने दलील दी कि इस मामले में तीन अन्य आरोपियों को जमानत दी जा चुकी है. अभियोजन पक्ष का आरोप है कि राउत और अन्य आरोपी दक्षिणपंथी समूह सनातन संस्था के सदस्य थे, जिसका उद्देश्य महाराष्ट्र तथा आसपास के राज्यों में गुपचुप तरीके से एक आतंकवादी गिरोह बनाकर एक 'हिंदू राष्ट्र' बनाना है. पीठ ने अपने आदेश में कहा कि राउत उस आवास या गोदाम का मालिक नहीं है, जहां से बम कथित तौर पर बरामद किए गए. पीठ ने यह भी कहा कि मुकदमे की सुनवाई की निकट भविष्य में खत्म होने की संभावना नहीं है. राउत ने एक विशेष अदालत द्वारा दिसंबर 2022 में अपनी जमानत याचिका खारिज किए जाने के बाद इस साल जनवरी में उच्च न्यायालय का रुख किया था. बहरहाल बॉम्बे हाई कोर्ट के फैसले के बाद पांच साल से जेल की सलाखों के पीछे कैद आरोपी के रिहा होने का रास्ता साफ हो गया.