पैरालंपिक खेलों में बैडमिंटन में गोल्ड तो नोएडा के डीएम ने जीता सिल्वर

 05 Sep 2021  650

संवाददाता/in24 न्यूज़.  
पैरालंपिक खेलों में भारतीय खिलाडियों का जलवा जारी है। जापान की राजधानी टोक्यो में खेले जा रहे पैरालंपिक खेलों के आखिरी दिन भी भारतीय खिलाड़ियों के मेडल जीतने का सिलसिला जारी है। रविवार को पैरा बैडमिंटन खिलाड़ी कृष्णा नागर ने एसएच6 कैटेगरी में गोल्ड हासिल कर भारत की झोली में 19वां मेडल डाल दिया। इसके साथ ही भारत ने इन खेलों में कुल पांचवां गोल्ड मेडल हासिल कर लिया है। यह भारत का अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। कृष्णा नागर से पहले सुहास यथिराज ने बैडमिंटन के एसएल4 कैटेगरी में सिल्वर मेडल जीतकर इतिहास रचा था। जापान की राजधानी टोक्यो में खेले जा रहे पैरालंपिक खेलों के आखिरी दिन भी भारतीय खिलाड़ियों के मेडल जीतने का सिलसिला जारी है। रविवार को पैरा बैडमिंटन खिलाड़ी कृष्णा नागर ने SH6 कैटेगरी में गोल्ड हासिल कर भारत की झोली में 19वां मेडल डाल दिया। इसके साथ ही भारत ने इन खेलों में कुल पांचवां गोल्ड मेडल हासिल कर लिया है। यह भारत का अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। कृष्णा नागर से पहले सुहास यथिराज ने बैडमिंटन के एसएल4 कैटेगरी में सिल्वर मेडल जीतकर इतिहास रचा था। टोक्यो पैरालिंपिक्स के आखिरी दिन नोएडा के जिलाधिकारी सुहास यथिराज ने टोक्यो पैरालंपिक की पुरुष एकल एसएल 4 क्लास बैडमिंटन स्पर्धा में रजत पदक जीत लिया है। वर्ल्ड नंबर 3 सुहास ने एसएल4 इवेंट के गोल्ड मेडल मैच में कड़ा संघर्ष किया, लेकिन वह फ्रांस के एल माजुर से 21-15, 17-21, 15-21 से हार गए।फ्रांस के लुकास मजूर शुरुआत से ही गोल्ड मेडल मैच जीतने के प्रबल दावेदार माने जा रहे थे। और, इसकी वजह भी थी। दरअसल, टोक्यो पैरालिंपिक्स में वो पहले भी सुहास यथिराज को हरा चुके थे और इसके अलावा उनकी रैंकिंग भी नंबर वन थी। हालांकि, सुहास के पास फाइनल जीतकर पहले मिली हार का बदला लेने का पूरा मौका था, लेकिन इस मौके को वो भुना नहीं सके और इस तरह चांदी के मेडल पर भी सोने का रंग नहीं चढ़ सका। भारत के सुहास यथिराज और फ्रांस के लुकास मजूर के बीच गोल्ड मेडल के लिए बैडमिंटन की लड़ाई रोमांचक चली। ये जंग 3 गेमों में जाकर खत्म हुआ। पहली बाजी भारतीय पैराशटलर के नाम रही, जो उन्होंने 21-15 से जीता। उनकी इस जीत ने करोड़ों हिंदुस्तानियों के अरमानों को नया आसमान दे दिया। इसके बाद दूसरे गेम भी जब वो बढ़त बनाते दिखे तो लगा कि गोल्ड अब भारत की झोली में गिरना तय है। लेकिन तभी फ्रेंच पैरा-शटलर ने अपना गियर बदलते हुए दूसरे गेम को 21-17 से जीत लिया। अब सारा दारोमदार तीसरे और फाइनल गेम पर आकर टिक गया। इस गेम के जीतने का मतलब था, गोल्ड मेडल पर कब्जा, जो कि सुहास यथिराज नहीं कर सके। तीसरे गेम में सुहास को 21-15 से हार का सामना करना पड़ा। बता दें कि भारतीय खिलाडियों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत को गौरवान्वित कर दिया है।