भविष्य के बेहतरीन भारतीय कप्तान के विकल्प हैं पांड्या : वेंगसरकर
26 Jun 2022
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संवाददाता/in24 न्यूज़.
पूर्व क्रिकेटर दिलीप वेंगसरकर ने हार्दिक पांड्या (Hardik Pandya) के सन्दर्भ में बड़ा बयान दिया है। लगातार चोटिल होने वाले हरफ़नमौला और अब चालाक कप्तान, हार्दिक पांड्या का करियर बहुत ही तेज़ी से बदल गया है। 26 जून को वह आयरलैंड के ख़िलाफ़ टी20 में भारतीय टीम का नेतृत्व करने के लिए तैयार हैं। भारत के पूर्व कप्तान और चयनकर्ता रहे दिलीप वेंगसरकर का मानना है कि वह लंबे समय के लिए अच्छा विकल्प हो सकते हैं। पूर्व क्रिकेटर दिलीप वेंगसरकर ने एक कार्यक्रम में कहा कि जिस तरह से उन्होंने चोट लगने के बाद वापसी की है वह शानदार है।उन्होंने अपनी फ़िटनेस पर काफ़ी मेहनत की होगी और कप्तान के तौर पर उन्होंने अच्छा किया था। वह एक बेहतरीन हरफ़नमौला हैं। पिछले महीने पांड्या ने आईपीएल में गुजरात टाइटंस की कप्तानी करते हुए 487 रन बनाए और गेंद से आठ विकेट लिए, जिसकी बदौलत गुजरात अपने पहले सीज़न में ही ख़िताब जीती। इस महीने की शुरुआत में दक्षिण अफ़्रीका के ख़िलाफ़ सीरीज़ में भी उन्होंने कई बार मैच में फ़िनिशिंग टच दिखाया। यही वजह है कि उन्हें राष्ट्रीय टीम की कप्तानी सौंपी गई। वेंगसरकर ने कहा कि पांड्या जब फ़ाइनल में बल्लेबाज़ी करने आए तो दो विकेट गिर चुके थे।। उन्होंने सामने से नेतृत्व किया और कप्तान के तौर पर अपनी टीम को पहला ख़िताब जिताया। एक हरफ़नमौला वैसे भी टीम में अहम रोल निभाता है।वह एक विकल्प हैं और यह चयनकर्ताओं पर निर्भर करता है कि उनका विज़न और प्लान क्या है। पांड्या ने दक्षिण अफ़्रीका के ख़िलाफ़ पांच मैचों की सीरीज़ में 58.50 के औसत और क़रीब 154 के स्ट्राइक रेट से 117 रन बनाए। उन्होंने पांच ओवर भी किए लेकिन विकेट नलीं ले पाए, जिससे उन्होंने दिखाया कि अब वह कमर की चोट से उबर चुके हैं और हरफ़नमौला के तौर पर टीम में खेलने को तैयार हैं। 1983 विश्व विजेता टीम में उनके साथी रहे रोजर बिन्नी ने कहा कि पांड्या को सामने से टीम का नेतृत्व करना होगा और कप्तान या उप कप्तान के तौर पर लगातार प्रदर्शन करना होगा। बिन्नी ने कहा कि कपिल ने विश्व कप में टीम का नेतृत्व किया और सामने से टीम को संभाला। हमारे पास ऐसे कप्तान थे जो अपनी बल्लेबाज़ी, गेंदबाज़ी और क्षेत्ररक्षण से सभी को प्रेरित करते थे। आपके पास गेंदबाज़ कप्तान भी हो सकता है। उसे सामने से नेतृत्व करना है। कभी-कभी आप ख़ुद को ओवर-बोलिंग या अंडर-बोलिंग करते हैं। कई बार एक कप्तान के रूप में आप ऐसा करते हैं। लेकिन फिर आपके पास सलाह देने के लिए अन्य खिलाड़ी हैं।