क्रिकेट में थूक से बॉल चमकाने पर माथापच्ची
19 May 2020
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संवाददाता/in24 न्यूज़.
इस सदी का सबसे भयानक दौर अभी चल रहा है. इस दौर में जो किसी ने नहीं सोचा था उसका सामना करने को लॉकडाउन के चौथे चरण में पहुंचने के बावजूद ख़ौफ़ जारी है. फिल्म बंद, शॉपिंग बंद और खेल भी बंद! खासकर क्रिकेट प्रेमियों में मायूसियां हैं. मगर अब सवाल है कि लॉकडाउन से लोग कितना सबक लेंगे! अगर बात क्रिकेट की करें तो आपने कई बार बॉल को थूक से चमकाते देखा होगा. मगर अब चूंकि कोरोना की महामारी चल रही है, ऐसे में सोचना ज़रूरी है कि थूक से बॉल चमकाने वाली प्रक्रिया जारी रहेगी या उसमें कुछ बदलाव होगा. बहरहाल अनिल कुंबले की अध्यक्षता वाली अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद की क्रिकेट समिति ने कोरोनो वायरस महामारी के मद्देनजर, एक बड़ा फैसला लिया है और समिति ने गेंद को चमकाने के लिए लार के इस्तेमाल पर पर रोक लगाने की सिफारिश की है. बता दें, इस पैनल की मीटिंग वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हुई थी, जिसमें लार के माध्यम से वायरस के फैलने और संक्रमण के जोखिम के बारे में आईसीसी मेडिकल सलाहकार समिति के डॉ पीटर हारकोर्ट से परामर्श करने के बाद यह फैसला लिया गया है. हालांकि, पहले इस तरह की बातें भी चल रही थी कि आईसीसी पसीने से भी गेंद को चमकाने के लिए रोक सकता है लेकिन इस सीमित से इसकी सिफारिश नहीं की है. इस समिति ने चिकित्सा सलाह पर भी ध्यान दिया कि इसकी अत्यधिक संभावना नहीं है कि वायरस पसीने के माध्यम से फैल सकता है और संक्रमण को बढ़ा सकता है इसी लिए गेंद को चमकाने के लिए पसीने के उपयोग को प्रतिबंधित करने की आवश्यकता नहीं है, जबकि समिति ने इस बार की सिफारिश की है कि खेल के मैदान पर स्वच्छता उपायों को बढ़ाया जाए. वर्तमान में, एक अंतरराष्ट्रीय मैच के लिए चार अंपायरों की आवश्यक होती है. टेस्ट में जहां तीन तटस्थ अंपयार का नियम है, एकदिवसीय मैचों के लिए दो अंपायरों की जरूरत होती है. कोरोना से असर के कारण यात्रा प्रतिबंधों को सख्त और अनिवार्य क्वारंटाइन की बात को ध्यान में रखते हुए, समिति ने अभी के लिए स्थानीय अंपायरों की नियुक्ति का प्रस्ताव दिया है. इसने डीआरएस में प्रति पारी वृद्धि की भी सिफारिश की है ताकि प्रत्येक प्रारूप में स्थिति से निपटने के लिए अंतरिम उपाय के रूप में पेश किया जाए.