उथप्पा को भी आया था जान देने का ख़याल
04 Jun 2020
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संवाददाता/in24 न्यूज़.
हर किसी की ज़िंदगी में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं. ऐसा ही भारतीय क्रिकेटर रॉबिन उथप्पा के साथ भी हो चूका है जब जान देने का ख़याल आता था. उथप्पा ने कहा कि 2009 से 2011 का समय उनके लिए सबसे कठिन रहा है। इस दौरान वे डिप्रेशन में आ गए थे। 2006 में क्रिकेट करियर शुरू करने वाले उथप्पा ने कहा कि हर रोज उनके मन में खुदकुशी के ख्याल आते थे। ऐसा लगता था जैसे बालकनी से कूद जाऊं। उथप्पा ने रॉयल राजस्थान फाउंडेशन के लाइव सेशन माइंड, बॉडी एंड सोल में कहा कि जब मैंने 2006 में डेब्यू किया, तब मैं खुद के लिए ज्यादा जागरुक नहीं था। इसके बाद काफी कुछ सीखा। अब मैं अपने आप को लेकर काफी चिंतित रहता हूं और बहुत कुछ सोचता भी हूं। अब मैं कहीं भी फिसलता हूं तो खुद को संभाल सकता हूं। उन्होंने कहा कि मैं इस मुकाम पर बहुत ही कठिन दौर का सामना करके पहुंचा हूं। एक समय था, जब मैं काफी डिप्रेशन में रहता था और हर दिन मेरे मन में खुदकुशी के विचार आते थे। यह 2009 से 2011 का दौर था, जो मुझे आज भी याद है। यह वह दौर था, जब मैं क्रिकेट के बारे में बिल्कुल भी नहीं सोचता था। मैं सिर्फ यही सोच रहा होता था कि इन दिनों को कैसे जी पाऊंगा। अगले दिन क्या होगा। मेरे जीवन में क्या होगा और मैं किस दिशा में जा रहा हूं। उथप्पा ने कहा कि क्रिकेट ने मुझे इस तरह के विचार से दूर रखने में काफी मदद की है। लेकिन, ऑफ सीजन में बगैर मैचों के दिन काटना बहुत मुश्किल होता है। मुश्किल दौर में मैं एक ही जगह बैठा रहा था। सोचता था कि तीन तक गिनती के बाद दौड़ लगाकर बालकनी से कूद जाऊं, लेकिन कुछ ऐसा मन में आता था कि जो मुझे रोक लिया करता था। इसके बाद मैंने एक डायरी लिखना शुरू किया और खुद को एक व्यक्ति के तौर पर समझने की कोशिश की। इसने मुझे उस बुरे दौर से बाहर लाने में और जो मैं चाहता हूं वह बनने में मदद की। विकेटकीपर बल्लेबाज रॉबिन उथप्पा को इस बार आईपीएल की फ्रेंचाइजी राजस्थान रॉयल्स ने 3 करोड़ रुपए में खरीदा है। पिछली बार वे कोलकाता नाइट राइडर्स की ओर से खेलते नजर आए थे। फिलहाल, कोरोनावायरस और लॉकडाउन के कारण आईपीएल को अनिश्चितकाल के लिए टाल दिया गया है।